अपनों का दर्द अपने ही समझते हैं। अपनों का दर्द अपने ही समझते हैं।
जब कभी टूट कर बिखर जाती हूँ मैं तुम्हें दिल के बहुत पास कहीं पाती हूँ। जब कभी टूट कर बिखर जाती हूँ मैं तुम्हें दिल के बहुत पास कहीं पाती हूँ।
मेरी खुशियों के साथी आयी होली तुम भी आओ ना, बावरी बरसात की मैं फागुन खेलने आयी, मेरी खुशियों के साथी आयी होली तुम भी आओ ना, बावरी बरसात की मैं फागुन ...
कितना अनोखा है ये बंधन तेरे संग बीते मेरा जीवन कितना अनोखा है ये बंधन तेरे संग बीते मेरा जीवन
सच्चा मित्र वही होता है, जो हर सुख-दुख में सम साथ निभाये। सच्चा मित्र वही होता है, जो हर सुख-दुख में सम साथ निभाये।
उसको देख कर मैं फिर बेहाल था क्या? और उसका भी यही सवाल था क्या? हम पास होकर भी क्यों उसको देख कर मैं फिर बेहाल था क्या? और उसका भी यही सवाल था क्या? हम पास होक...